Computer Memory Unit क्या है ? यह कितने प्रकार के होते हैं।

MUKESH CHOUDHARY
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मेमोरी युनिट कम्प्यूटर का एक महत्वपूर्ण इकाई है जो डाटा और प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है । मेमोरी की क्षमता और प्रकार के आधार पर यह कम्पूटर की क्षमता और प्रदर्शन को प्रभावित करती है । 

Computer Memory Units

Memory Units Equal to 
1 Bit Binary digit 
4 Bits  1 Nibble 
8 Bits  1 Byte 
1024 Bytes 1 KB 
1024 KB 1 MB 
1024 MB  1 GB 
1024 GB  1 TB
1024 TB 1 PB 
1024 PB  1 EB 
1024 EB  1 ZB 
1024 ZB  1 YB


कम्प्यूटर मेमोरी के प्रकार | Types Of Computer Memory


कम्प्यूटर मेमोरी मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं -

  • Primary Memory 
  • Secondary Memory 


प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)


प्राइमरी मेमोरी हम उस मेमोरी को कहते हैं जो सीधे सीपीयू से एक्सेस की जाती है। इस को कम्प्यूटर का मुख्य मेमोरी कहा जाता है। यह सीपीयू के अंदर लगा रहता है इसलिए इसे इंटर्नल मेमोरी भी कहा जाता है। यह अस्थाई मेमोरी होती है और कम्प्यूटर बंद होने पर इसका डाटा मिट जाता है। यह सिमित मात्रा में डाटा को स्टोर कर सकता है इस की क्षमता कम होती है। एक सामान्य कम्प्यूटर में लगभग 4 जीबी होता है। यह मेमोरी मदरबोर्ड में लगा रहता है। यह volatile और Non volatile दोनों प्रकार का होता है। Volatile मेमोरी का डाटा कम्प्यूटर बंद होने पर डिलीट हो जाता है जबकि non volatile मेमोरी में ऐसा नहीं होता है। 


प्राइमरी मेमोरी के प्रकार | Types Of Primary Memory In Hindi

 


प्राइमरी मेमोरी मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं - 


  • Ram(रैम)
  • Rom(रोम)
  • Cache Memory (कैश मेमोरी)
  • Flash Memory (फ़्लैश मेमोरी)


रैम(RAM) क्या है ?


रैम का पूरा नाम रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random access memory) है। यह एक अस्थाई मेमोरी होती है। रैम कम्प्यूटर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। किसी भी कम्प्यूटर या लैपटॉप का रैम जितना अधिक होगा वह कम्प्यूटर या लैपटॉप उतना ही तेज चलेगा । हम कम्प्यूटर में कुछ भी टाइप करते हैं या कोई भी प्रोग्राम लोड करते हैं तो वह पहले रैम में लोड होता है। और जब  कम्प्यूटर  बंद होता है रैम का सारा डाटा डिलीट हो जाता है इस लिए इसे volatile memory भी कहा जाता है। 


रोम(ROM) क्या है? 


रोम(ROM)  का पूरा नाम रीड ऑनली मेमोरी (Read Only Memory) है। यह एक स्थायी मेमोरी होती है। जब रैम में किसी प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर को डाला जाता है तो वह स्थायी रूप से वहां install हो जाता है। रोम में मौजूद डाटा को डिलीट नहीं किया जा सकता है इस लिए इसे Non Voletile मेमोरी कहा जाता है। 


कैश मेमोरी (cache memory) क्या है ? 



कैश मेमोरी सीपीयू और रैम के बीच स्थित होता है । इस का साइज़ बहुत कम होता है। जब सीपीयू को डाटा की जरूरत होती है तो वह सबसे पहले कैश मेमोरी में ही खोजता है और जब कैश मेमोरी में डाटा नहीं मिलता है तब वह रैम में जाकर खोजता है । कैश मेमोरी भी अस्थाई मेमोरी होती हैं और कम्प्यूटर बंद होने पर इस का भी सारा डाटा डिलीट हो जाता है। कैश मेमोरी कम्प्यूटर और मोबाइल दोनों में होता है। इस की साइज़ हार्डडिस्क और रैम दोनों से कम होती है लेकिन यह बहुत तेजी से काम करता है। 


फ़्लैश मेमोरी (Flash Memory) क्या है ?



फ़्लैश मेमोरी एक प्रकार का नॉन वोलेटाइल मेमोरी है जिसका डाटा बिजली जाने पर भी सुरक्षित रहता है। इसे हम बहुत से डिवाइसो में यूज़ कर सकते हैं जैसे USB pendrive, memory card,bios chips , smart phone इत्यादि। इस में बिजली की जरूरत सिर्फ पढ़ने और लिखने के लिए होती है। 


सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory)



सेकेंडरी मेमोरी एक प्रकार का नॉन वोलेटाइल मेमोरी होती है। यह मेमोरी कम्प्यूटर का हिस्सा नहीं होता है इसे अलग से कम्प्यूटर में जोड़ा जाता है। इस में सुरक्षित डाटा को सीपीयू से सीधे एक्सेस नहीं किया जा सकता है इसे एक्सेस करने के लिए डाटा को पहले प्राइमरी मेमोरी में ट्रांसफर करना पड़ेगा उसके बाद ही एक्सेस किया जा सकता है। इस मेमोरी की भण्डारण क्षमता बहुत अधिक होती है। इस मेमोरी में बहुत सारे ऑडियो, विडियोज और फोटो रखे जा सकते हैं और यह स्थायी रूप से सुरक्षित रहता है। कम्प्यूटर बंद होने पर या बिजली जाने पर भी इस का डाटा डिलीट नहीं होता है। इसके डाटा को प्राइमरी मेमोरी में ट्रांसफर किया जा सकता है। 


सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार | Types Of Secondary Memory In Hindi 


सेकेंडरी मेमोरी कई प्रकार के होते हैं - 

  • HDD
  • SSD
  • CD
  • DVD
  • FLASH DRIVE 
  • MEMORY CARD 
  • ZIP DRIVE 
  • MAGNETIC TAPE 



एचडीडी (HDD)

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