कम्प्यूटर माउस एक इनपुट डिवाइस है । इसे हम पॉइंटिंग डिवाइस भी कहते है । माउस की सहायता से हम पूरी कम्प्यूटर स्क्रीन को कंट्रोल कर रखते हैं और कम्प्यूटर मे कोई भी फाईल-फ़ोल्डर बहुत ही आसानी से खोल और बंद कर सकते हैं । माउस एक बहुत ही छोटा इनपुट डिवाइस है जो देखने मे माउस की तरह ही लगता है इसलिए इसका नाम माउस रखा गया । एक साधारण कम्प्यूटर माउस मे दो बटन होते हैं जिसे हम लेफ्ट और राइट क्लिक कहते हैं और एक स्क्रॉल व्हील होता है और इन ही तीनो चीजो से कम्प्यूटर माउस कम्प्यूटर मे बहुत बड़े-बड़े काम करते हैं ।
माउस का अर्थ | Meaning Of Mouse In Hindi
कम्प्यूटर माउस का अर्थ है वह उपकरण जो कंप्यूटर पर किसी इंटरफेस के माध्यम से यूजर को कंप्यूटर को कंट्रोल करने की अनुमति प्रदान करता है, और आमतौर पर इस उपकरण को एक छोटे हाथ में पकड़ा जा सकता है।
माउस की परिभाषा | Definition Of Mouse In Hindi
माउस एक कंप्यूटर इनपुट डिवाइस है जो उपयोगकर्ता को कंप्यूटर के साथ इंटरैक्ट करने के लिए डाटा इनपुट करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें एक बटन और स्क्रॉल व्हील के साथ एक सफलता घटक होता है।
माउस शब्द की उत्पत्ति | Origion Of Mouse
माउस शब्द की उत्पत्ति का सीधा और निश्चित कारण नहीं है, लेकिन इसका इस्तेमाल कंप्यूटर इनपुट डिवाइस के रूप में हुआ था और इसे एक प्रकार की रॉडेंट की तरह चलाने का सुझाव देने के लिए किया गया था।
इसे इस्तेमाल करने का आरंभ डग्लस एंगेलबार्ट नामक वैज्ञानिक ने 1965 में किया था, जो एक प्रकार की प्रयुक्ति माउस को चलाने के लिए विचार कर रहे थे। उन्होंने इसे विचार किया क्योंकि यह उस समय के दौरान व्यक्तिगत कंप्यूटर इस्तेमालकर्ताओं की तीव्रता और सुविधा को बढ़ा सकता था।
डग्लस एंगेलबार्ट के सहयोगी, विल्यम इंग्लिश, ने इस उपकरण को "माउस" कहा, क्योंकि यह माउस की आकार की तरह दिखता था और इसका निकला हुआ वायर चुहे की पूछ की तरह दिखता था और इसका विचार था कि यह ताकती हड्डी के समान गति से चल सकता है। इसका नामकरण उसके बाद से ही यह शब्द "माउस" इस इनपुट डिवाइस के लिए सामान्य हो गया है।
Mouse का फुलफॉर्म | Full Form Of Mouse
- M - Manually
- O - Operated
- U - User
- S - Selected
- E - Equipment
कम्प्यूटर माउस किस प्रकार का डिवाइस है ।
कम्प्यूटर माउस एक इनपुट डिवाइस है । माउस उपयोगकर्ता को कंप्यूटर कंट्रोल करने की अनुमति देता है । माउस हाथ मे पकड़ा जा सकता है जिससे यूजर्स कर्सर को स्क्रीन पर चला सकता है और स्क्रीन को कंट्रोल कर रख सकता है ।
कम्प्यूटर माउस के प्रकार | Types Of Computer Mouse In Hindi
- Machenical Mouse
- Optical Mouse
- Wireless Mouse
- Trackball Mouse
- Stylus Mouse
- Gaming Mouse
- 3D Mouse
Mechanical Mouse
मैकेनिकल माउस एक प्रकार का कम्प्यूटर माउस है । इस का आविष्कार 1972 मे Bill english ने किया था । इस मे बॉल या रोलर का उपयोग किया जाता है जिससे माउस को चलाया जाता है । यह माउस पुराने डिजाइन का माना जाता है । इस मे बॉल का संपर्क एक सतह से होता है और जो गोलियो की मदद से सतह पर घूमता है जिससे कम्प्यूटर पर कर्सर की गति प्राप्त होती है ।
Optical Mouse
ऑप्टिकल माउस Led तथा Dsp तकनीक पर काम करता है और इस माउस मे कोई भी बॉल लगा हुआ नही होता है । इसमे बॉल की जगह एक छोटा सा बल्ब लगा रहता है । इस माउस को हिलाने पर पॉइंटर मे हलचल होता है और इस मे मौजूद बटन के द्वारा हम कम्प्यूटर को निर्देश देते हैं । आजकल इसी माउस का यूज सबसे ज्यादा किया जाता है ।
इस माउस मे से एक वायर निकला रहता है जिसे सीपीयू से कनेक्ट किया जाता है और इसी वायर से माउस को बिजली भी मिलती है ।
Wireless Mouse
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है वायरलेस माउस अर्थात जो माउस बिना वायर का होता है उसे वायरलेस माउस कहते हैं । यह माउस रेडिओ फ्रिकेंसी(Radio frequency)तकनीक पर काम करती है । इस के उपयोग के लिए दो चीजो का यूज किया जाता है
इन्ही दोनो चीजो की सहायता से वायरलेस माउस काम करता है । ट्रांसमीटर माउस के अंदर ही लगा रहता है जबकि रिसीवर को सीपीयू मे लगाया जाता है । यह वायरलेस माउस है अतः इसको सीपीयू से पावर नही मिलता है । इस माउस को पावर के लिए अलग से छोटी सेल डालना पड़ता है । इसको कॉर्डलेस माउस (Cordless Mouse ) भी कहा जाता है ।
Trackball Mouse
इस माउस की रचना भी ऑप्टिकल माउस की तरह ही होता है लेकिन कम्प्यूटर स्क्रीन पर नियंत्रण के लिए इसमे trackball का उपयोगकिया जाता है ।
कम्प्यूटर को निर्देश देने के लिए हमे ऊँगली या अंगूठे से बॉल को घुमाना पड़ता है । इस माउस से हम कम्प्यूटर को ज्यादा नियन्त्रित नही कर पाते हैं और साथ ही हमे टाईम भी ज्यादा लगता है ।
Stylus Mouse
Stylus Mouse एक स्टाइलस (पेन) की तरह काम करता है और उपयोगकर्ता को कंप्यूटर पर चलाने और क्लिक करने की सुविधा प्रदान करता है। यह खासकर ग्राफिक्स डिजाइन और डाइजिटल आर्ट के क्षेत्रों में उपयोग होता है, जहां उच्च स्तर की सुविधा और स्केचिंग की आवश्यकता होती है। यह विभिन्न प्रकार के पेन-टैबलेट्स और ग्राफिक्स टैबलेट्स के साथ सम्बंधित हो सकता है। इस माउस को gstick Mouse भी कहा जाता है क्योकि इस माउस का आविष्कार Gordon Stewart ने किया था gstick मे g का मतलब Gordon होता है ।
Gaming Mouse
कम्प्यूटर पर गेम खेलने के लिए भी गेमिंग माउस बनाया गया है । यह माउस वायर्ड और वायरलेस दोनो डिज़ाइन मे उपलब्ध है । गेम यूजर्स के लिए गेम अनुभव को बेहतर बनाने के लिए स्टैंडर्ड मॉडल मे गेमिंग माउस उपलब्ध है जिस मे अतिरिक्त विशेषता भी पाया जाता है ।
इन माउस में अत्याधिक सटीकता, कम समय में जल्दी प्रतिक्रिया देना और गेम खेलते समय कम मेहनत लगना जैसे फीचर भी रहते है।
इसमें आम माउस से ज्यादा बटन होते है जिसमे आप प्रोग्राम के अनुकूल अलग अलग काम करते है।
Mouse Pointer या कर्सर के विभिन्न रूप और उसका अर्थ
कम्प्यूटर माउस को हम जान चुके हैं की माउस क्या है , इसका आकार प्रकार कितना होता है , साथ ही इसका अर्थ, परिभाषा और फुलफॉर्म भी जान चुके हैं । अब हम जानते हैं कि माउस को कम्प्यूटर स्क्रीन पर कैसे पहचाने , यह स्क्रीन पर कैसा दिखता है ।
माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस है जिसे माउस कर्सर भी कहा जाता है । कम्प्यूटर स्क्रीन पर माउस पॉइंटर को किसी भी फाईल फ़ोल्डर की ओर ले जाने पर माउस कुछ आकृतियो का उपयोग करता है । जिसे हम माउस पॉइंटर कहते हैं ।
माउस पॉइंटर कम्प्यूटर स्क्रीन पर अपनी स्थिति के हिसाब से अपना रूप बदलते रहता है । इस का वर्णन विस्तार से नीचे किया गया है जिसे देखकर आप माउस कर्सर के विभिन्न रूपो को पहचान सकते हैं ।
माउस का इतिहास | History Of Computer Mouse
माउस का इतिहास 1960 और 1970 के दशकों में शुरू हुआ था। डग्लस एंगेलबार्ट नामक वैज्ञानिक ने 1965 में पहला प्रोटोटाइप माउस विकसित किया था। इसका उपयोग उन्होने कंप्यूटर प्रोग्रामों को आसानी से स्थानांतरित करने के लिए किया था।
माउस को शुरूआत मे डिस्पले सिस्टम xy पोजिशन इंडिकेटर के रूप मे जाना जाता था और इसका आविष्कार 1963 मे डग्लस एंगेलबार्ट ने किया था । उन्होंने इस का आविष्कार Xerox PARC मे काम करते हुए किया था ।
उस समय बेंजमिन ने महसूस किया के इस से अच्छा एक इनपुट डिवाइस की जरूरत है और उन्होने रोलर बॉल नामक माउस का आविष्कार किया
1947 मे ट्रैक बॉल माउस को पेटेंट कराया गया था । दो रबर कोटेड व्हील पर रोलिंग मेटल बॉल का उपयोग करके केवल एक प्रोटोटाइप बनाया गया था और इस डिवाइस को मिलट्री के रूप मे सीक्रेट रखा गया था ।
1963 तक Douglas Engelbart ने पहले ही स्टैनफोर्ड रिसर्च इन्स्टिट्युट मे ऑग्मेंटेशन रिसर्च सेंटर (ARC) मे एक शोध प्रयोगशाला स्थापित कर ली थी ताकि मानवीय बुद्धी को बढ़ाने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजीज को विकसित कर सके ।
Xerox Alto कंप्यूटर , 1973 में व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किए गए माउस के लिए पहला कंप्यूटरों में से एक था। और इसे माउस का उपयोग करने वाला पहला आधुनिक कंप्यूटर माना जाता है। 1982 में, Logitech कंपनी ने अपना पहला हार्डवेयर माउस, Las Vegas में Comdex trade show में P4 माउस को पेश किया। उसी वर्ष Microsoft ने MS-DOS प्रोग्राम को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड माउस-संगत बनाने का निर्णय लिया, और पहला पर्सनल कंप्यूटर-संगत माउस को विकसित किया।
Function Of Mouse In Hindi | माउस के कार्य
माउस एक बहुक्रियातमक अर्थात अनेको कार्य करने वाले उपकरण है । माउस का यूज कम्प्यूटर स्क्रीन पर किसी फाइल फ़ोल्डर को पकड़ने , छोड़ने , रखने आदि कार्यो के लिए अधिक किया जाता है ।
ये सब कार्य कैसे किये जाते हैं इन्हे करने के लिए माउस क्या करता है आइये जानते हैं नीचे विस्तार से जिस से हम माउस का एक्सपर्ट बन सकते हैं -
1. Pointing
2. Selecting
3. Clicking
4. Drag And Drop
5. Scrolling
Pointing (पॉइंटिंग)
जब हम माउस को कम्प्यूटर स्क्रीन पर मौजूद किसी आइटम की तरफ ले जाते हैं और माउस का पॉइंटर उस आइटम को छूता है तो हमे एक बॉक्स दिखाई देता है और हमे उस आइटम के बारे मे बताता है । इस पूरी प्रोसेस को pointing कहा जाता है ।
Selecting (सलेक्टिंग)
कम्प्यूटर स्क्रीन पर किसी आइटम पर पॉइंटिंग करने के बाद माउस के लेफ्ट बटन को दबाया जाता है तो वह आइटम सेलेक्ट हो जाता है । इसे ही हम selecting कहते हैं । सेलेक्ट होने के बाद उस आइटम के चारो तरफ वर्ग जैसा घेरा बन जाता है जिस से हम समझ जाते हैं कि यह आइटम सेलेक्ट किया हुआ है ।
Clicking (क्लिकिंग)
माउस की बटन को दबाने की क्रिया को click कहा जाता है । माउस के किसी भी बटन को दबाइये और छोड़ दिजिए इस पूरी प्रोसेस को clicking कहा जाता है ।
Types of click : क्लिक दो प्रकार के होते हैं
1. Left Click
2. Right click
लेफ्त क्लिक (Left click) : माउस के लेफ्ट बटन को दबाना और छोड़ देना Left click कहलाता है । लेफ्ट क्लिक तीन प्रकार के होते हैं ।
1. Single click: माउस के लेफ्ट बटन को एक बार दबाना और छोड़ देना single click कहलाता है । single click के द्वारा हम किसी आइटम को सेलेक्ट कर सकते हैं , वेबसाइट्स मे किसी मेनू को खोल सकते हैं । गूगल मे या किसी ब्राउजर मे लिंक को खोल सकते हैं ।
2 . Double click: जब माउस के लेफ्ट बटन को लगातार दो बार दबाकर छोड़ दिया जाता है तो उसे हम Double click कहते हैं । डबल क्लिक करने पर कोई भी फाईल-फ़ोल्डर ओपन हो जाता है ।
3. Triple click: जब माउस के लेफ्ट बटन को तीन बार दबाया और छोड़ा जाता है तो उसे हम triple click कहते हैं । इस का यूज किसी डॉक्यूमेंट्स मे पूरे पैराग्राफ को सलेक्ट करने के लिए किया जाता है । आमतौर पर ट्रिपल क्लिक का यूज बहुत कम किया जाता हैं ।
Right Click: माउस के Right Button को दबाना और छोड़ देना Right click कहलाता है । किसी भी आइटम को सेलेक्ट कर राइट क्लिक करने पर ढेर सारे ऑप्शन दिखाई देते हैं ।
Dragging And Dropping
कम्प्यूटर स्क्रीन पर उपलब्ध किसी भी आइटम को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रखा जा सकता है । इस के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जाती है उसे हम Dragging And Dropping कहते हैं ।
किसी भी आइटम को एक एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए उपरोक्त आइटम पर माउस का क्रसर ले जाकर माउस के लेफ्ट बटन को दबाकर रखे और जहां पर ले जाना है है उस आइटम को वहां तक माउस का कर्सर ले जाकर लेफ्ट बटन को छोड़ दे । इस पूरी प्रोसेस को Dragging And Dropping कहते हैं ।
Scrolling
माउस व्हील द्वारा किसी डॉक्यूमेंट्स के पेज को या वेब पेज को ऊपर या नीचे करना Scrolling कहलाता है । किसी पेज को ऊपर की तरह ले जाने के लिए माउस की व्हील को अपनी तरफ घुमाना पड़ता है और पेज को नीचे की तरफ सरकाने के लिए माउस की व्हील को बाहर की तरफ घुमाना पड़त है ।
कम्प्यूटर स्क्रीन पर माउस कैसे चलाते हैं ।
कम्प्यूटर स्क्रीन पर माउस को चलाने के लिए हमे माउस के ऊपर हाथ रखना है। जैसा की हम जान चुके हैं की माउस मे दो बटन होता है और एक स्क्रॉल व्हील होता है तो हमे अपना मिडिल फिंगर स्क्रॉल व्हील पर रखना है और रिंग फिंगर राइट बटन पर और अंगूठे के बगल वाला फिंगर लेफ्ट बटन पर रखना है । अब हम कम्प्यूटर स्क्रीन पर माउस को आसानी से चला सकते हैं । माउस को कम्प्यूटर स्क्रीन पर कहीं भी ले जाने के लिए हमे माउस को खिसकाना परेगा जिस दिशा मे माउस के कर्सर को ले जाना है उसी दिशा मे । माउस को खिसकाने पर हमे कम्प्यूटर स्क्रीन पर तीर जैसा आइकॉन दिखाई देता है । माउस के दोनो बटन का अलग-अलग सॉफ्टवेयर मे अलग-अलग यूज होता है तो आइये जानते हैं माउस का यूज विस्तार से
कम्प्यूटर मे माउस का उपयोग | Uses Of A Mouse
- फाइल फ़ोल्डर या प्रोग्राम को ओपन करना
- माउस कर्सर को मूव करना
- माउस से ड्रैग एण्ड ड्रॉप करना
- टेक्स्ट, फाईल-फ़ोल्डर को सलेक्ट करना
- माउस के स्क्रॉल व्हील का उपयोग करना
- माउस के राइट बटन का उपयोग करना
फाईल-फ़ोल्डर या प्रोग्राम को ओपन करना
जब हम माउस के कर्सर को किसी भी प्रोग्राम के आइकॉन पर ले जाते है और और माउस के लेफ्ट बटन से दो बार क्लिक करते हैं तो वो प्रोग्राम खुल जाता है ।
इसी तरह हम किसी भी इमेज या फाईल-फ़ोल्डर पर माउस के लेफ्ट बटन से डबल क्लिक कर खोल सकते हैं ।
उदाहरण के लिए हम मान लेते हैं कि हमे रिसायकल बिन को खोलना है तो हम रिसायकल बिन पर माउस का कर्सर ले जायेंगे और माउस की लेफ्ट बटन को दो बार प्रेस करेंगे तो रिसायकल बिन खुल जायेगा ।
माउस कर्सर को मूव करना
कम्प्यूटर माउस का मूल कार्य है कर्सर को मूव करना अर्थात कर्सर को सरकाना या खिसकाना , माउस कर्सर को हम माउस पॉइंटर भी कहते हैं जो कम्प्यूटर स्क्रीन पर एरो की तरह दिखता है । फिजिकली हम माउस को जिस तरफ ले जाते हैं , माउस का कर्सर भी उसी तरफ जाता है । यदि हम माउस के कर्सर को ऊपर की तरफ ले जाते हैं तो माउस का कर्सर भी ऊपर की तरफ जायेगा और यदि हम माउस को राइट की तरफ ले जाते हैं तो कर्सर भी राइट की तरफ जायेगा ।
माउस से ड्रैग एण्ड ड्रॉप करना
कम्प्यूटर स्क्रीन पर मौजूद किसी भी आइटम को सेलेक्ट करने के बाद उसे पकड़कर दूसरी जगह पर लेके जा सकते हैं और जहाँ पर आप रखना चाहते हैं उस आइटम को वहां पर माउस की बटन को छोड़ना परेगा । ड्रैग एण्ड ड्रॉप के लिए माउस की लेफ्ट बटन का यूज किया जाता है ।
टेक्स्ट, फाईल-फ़ोल्डर को सलेक्ट करना
माउस के कर्सर को आप किसी फाईल-फ़ोल्डर के पास लेकर जायेंगे तो वो हाईलाइट हो जायेगा और हाईलाइट होने के बाद आप सिंगल लेफ्ट क्लिक करते हैं तो वह आइटम सेलेक्ट हो जायेगा
किसी फ़ोल्डर पर कर्सर ले जाने के बाद लेफ्ट बटन को होल्ड कर रखते हैं और माउस को किसी तरह सरकाते हैं तो बीच मे परने वाले सभी आइटम सेलेक्ट हो जायेगा इसको हम मल्टीपल सलेक्शन कहते हैं । इसी तरह आप टेक्स्ट को भी सलेक्ट कर सकते हैं ।
माउस के स्क्रॉल व्हील का उपयोग करना
जब हम कोई बड़े डॉक्यूमेंट्स मे काम करते हैं तो हमे माउस के स्क्रॉल व्हील की आवश्यकता पड़ती है क्योकि इसके बिना हम अतिशीघ पूरे पेज को हम देख नही सकते ।
उदाहरण के लिए हम एक माइक्रोसॉफ्ट वर्ड या ऐक्सेल का एक बड़ा डॉक्यूमेंट्स लेते हैं जिसमे दस से ज्यादा पेज है तो इस डॉक्यूमेंट्स मे हमे एक से दूसरे-तीसरे पेज पर जाने के लिए हम माउस के स्क्रॉल व्हील का यूज करते हैं । इस की सहायता से हम किसी भी पेज पर बड़ी आसानी से जा सकते हैं ।
माउस के राइट बटन का उपयोग करना
किसी भी फाईल फ़ोल्डर या प्रोग्राम मे हम राइट क्लिक कर उसके बारे मे हम विस्तृत जानकारी पा सकते हैं । किसी भी आइटम पर राइट क्लिक करने पर हमे ढेर सारे ऑप्शन मिल जाते हैं । हम उस आइटम के प्रापर्टीज मे जा सकते हैं , उस फाईल फ़ोल्डर का साइज चेक कर सकते हैं । उस को कॉपी कर सकते हैं , कट कर सकते है , पेस्ट कर सकते हैं आदि और भी कई काम कर सकते हैं ।
FAQS (आप के द्वारा पूछे गए सवाल और उनके जवाब)
Q1 . माउस किसे कहते हैं
Ans. माउस कम्प्यूटर का एक इनपुट डिवाइस है।
Q2 . माउस का दूसरा नाम क्या होता है?
Ans. माउस का दूसरा नाम पॉइंटिंग डिवाइस है।
Q3 . माउस कर्सर क्या होता है?
Ans. माउस कर्सर एक संकेत होता है जिसका उपयोग कम्प्यूटर स्क्रीन पर वर्तमान स्थिति को दिखाने के लिए किया जाता है।
Q4 . माउस कितने प्रकार के होते हैं?
Ans . माउस कई प्रकार के होते हैं जिसका वर्णन इस पोस्ट में ऊपर किया गया है।
Q5 . माउस कब बना था?
Ans. माउस 1960 में बना था।
Q6. माउस के पिता का नाम क्या था?
Ans. डगलस एंजेलबार्ट (Douglas Engelbart)
Q7. माउस फुल फॉर्म क्या है?
Ans. मैन्युअली ऑपरेटेड यूजर सिलेक्शन इक्विपमेंट
Q8. कर्सर किसे कहते हैं?
Ans. कर्सर आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर एक ग्राफिकल तत्व है जो सॉफ्टवेयर इंटरफ़ेस में आपकी स्थिति दिखाता है
Q9. माउस में कितने बटन होते हैं?
Ans माउस मे दो बटन होता है लेफ्ट और राइट इस के अलावा एक स्क्रॉल व्हील होता है।
Q10. माउस की सरल परिभाषा क्या है?
Ans. माउस एक वर्चुअल हैंडहेल्ड पॉइंटिंग डिवाइस है। माउस एक पॉइंटिंग डिवाइस है जो आइकन, फ़ाइल, फ़ोल्डर मूवमेंट और चयन जैसी गतिविधियों को आसान बनाने में सक्षम बनाता है।
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